>झाबुआ विधानसभा उप-चुनाव में एक्जिट पोल पर प्रतिबंध

 


 


भोपाल : गुरूवार, अक्टूबर 17, 2019, 15:29 IST


अपर मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी श्री अरूण कुमार तोमर ने बताया है कि भारत निर्वाचन आयोग ने प्रदेश में झाबुआ विधानसभा उप-चुनाव के संबंध में एक्जिट पोल पर पाबंदी लगायी है। आयोग द्वारा निर्धारित अवधि के दौरान किसी भी प्रकार के एक्जिट पोल के संचालन और उसके परिणामों तथा ऐसे एक्जिट पोल के परिणाम के प्रसार पर प्रतिबंध रहेगा। लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 की धारा 126 के अंतर्गत भारत निर्वाचन आयोग 21 अक्टूबर,2019 (सोमवार) को पूर्वांह 7:00 बजे से अपरांह 6:30 बजे के बीच की अवधि को, ऐसी अवधि के रूप में अधिसूचित करता है, जिसके दौरान उप-निर्वाचनों के संबंध में किसी भी प्रकार के एक्जिट पोल का संचालन तथा प्रिंट अथवा इलेक्ट्रॉनिक मीडिया द्वारा इसका प्रकाशन अथवा प्रचार अथवा किसी भी अन्य तरीके से उसके प्रसार पर प्रतिबंध रहेगा।


आयोग ने स्पष्ट किया कि लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के अधीन साधारण निर्वाचनों तथा उप-निर्वाचनों के संबंध में संबंधित मतदान क्षेत्रों में मतदान की समाप्ति के लिए नियत समय के साथ समाप्त होने वाले 48 घंटों की अवधि के दौरान किसी भी प्रकार के निर्वाचन संबंधी मामले का, किसी भी ओपीनियन पोल अन्य किसी पोल सर्वे के परिणामों सहित, प्रदर्शन किसी भी इलेक्ट्रॉनिक मीडिया से करने पर प्रतिबंध रहेगा।


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<no title>हर वर्ष बैंक जाकर जीवन प्रमाण-पत्र देने की बाध्यता से मुक्त होंगे पेंशनर वित्त मंत्री श्री तरूण भनोत ने दिये निर्देश भोपाल : गुरूवार, नवम्बर 14, 2019, 19:08 IST वित्त मंत्री श्री तरूण भनोत ने कहा है कि पेंशनर द्वारा डिजीटल स्वरूप में जीवन प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने के लिए जारी निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य शासन द्वारा पेंशनर की सुविधा के लिए डिजीटल प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये गये थे। समस्त बैंक यह सुविधा सुनिश्चित करें। इसकी मॉनीटरिंग के लिए वित्त विभाग के अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। राज्य स्तरीय बैंकिग कमेटी की प्रतिमाह होने वाली बैठक में भी इस सुविधा की समीक्षा की जाएगी। यह सुविधा पेंशनर को हर वर्ष बैंक जाने की बाध्यता से मुक्ति दिलाने के लिए आरंभ की गई है। वित्त मंत्री ने यह बात पेंशनर संगठनों के प्रतिनिधियों से भेंट के दौरान कही। पेंशनर संगठनों द्वारा वित्त मंत्री से भेंट कर प्रतिवर्ष बैंक में जीवन प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने में आ रही कठिनाई से उन्हें अवगत कराया था। उल्लेखनीय है कि पेंशन नियमों के अंतर्गत राज्य शासन के सभी पेंशनरों को प्रत्येक वर्ष 01 नवम्बर की स्थिति में जीवित प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने का प्रावधान है। यह प्रमाण-पत्र पेंशनर जिस बैंक शाखा से पेंशन प्राप्त करते हैं, वहाँ प्रस्तुत करना होता है। पेंशनर को बैंक में हर वर्ष जाने की बाध्यता से मुक्त करने के प्रयोजन से राज्य शासन द्वारा विगत वर्षों में डिजीटल प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने की सुविधा विकसित कर निर्देश जारी किए गए थे।
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