संवेदनशील दृष्टि से क्षति का आंकलन हो: राज्यपाल श्री टंडन

 


राज्यपाल से मिला अंतर मंत्रालयीन केन्द्रीय दल 


 


राज्यपाल श्री लालजी टंडन से प्रदेश में अतिवृष्टि से हुई फसल क्षति के आंकलन के लिए प्रदेश प्रवास पर आये अंतर मंत्रालयीन केन्द्रीय दल ने आज राजभवन में भेंट की। राज्यपाल ने दल से कहा कि प्रदेश के अतिवृष्टि पीड़ित किसान और गरीब के प्रति संवेदनशील दृष्टि के साथ क्षति का अध्ययन किया जाए। क्षति का आंकलन उदार और व्यावहारिक दृष्टिकोण के साथ किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में अतिवृष्टि से सोयाबीन और अन्य फसलों की काफी हानि की सूचनाएँ मिल रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के बड़े भू-भाग में सोयाबीन फसल का उत्पादन होता है। अतिवृष्टि से सोयाबीन की फसल को काफी नुकसान हुआ है। राज्यपाल ने कहा कि प्रदेश की कृषि अर्थ-व्यवस्था में सोयाबीन का बड़ा योगदान है। फसल की क्षति से ग्रामीण अर्थ-व्यवस्था पर बहुत प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा।


राज्यपाल श्री टंडन ने कहा कि मूंग, उड़द, कपास आदि अन्य फसलों की क्षति की खबरें भी प्राप्त हुई हैं। उन्होंने केन्द्रीय दल से अपेक्षा की कि फसल क्षति से प्रभावितों को उचित राहत मिले। केन्द्र सरकार द्वारा दी जाने वाली आपदा राहत अधिकतम हो। केन्द्रीय दल द्वारा इस दिशा में सकारात्मक पहल की जाए।


राज्यपाल को राज्य सरकार द्वारा अतिवृष्टि से हुई क्षति के संबंध में ज्ञापन प्रस्तुत किया गया। बैठक में प्रमुख सचिव राजस्व श्री मनीष रस्तोगी, राज्यपाल के सचिव श्री मनोहर दुबे एवं केन्द्रीय दल के सदस्य उपस्थित थे।


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<no title>हर वर्ष बैंक जाकर जीवन प्रमाण-पत्र देने की बाध्यता से मुक्त होंगे पेंशनर वित्त मंत्री श्री तरूण भनोत ने दिये निर्देश भोपाल : गुरूवार, नवम्बर 14, 2019, 19:08 IST वित्त मंत्री श्री तरूण भनोत ने कहा है कि पेंशनर द्वारा डिजीटल स्वरूप में जीवन प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने के लिए जारी निर्देशों का सख्ती से पालन किया जाए। उन्होंने कहा कि राज्य शासन द्वारा पेंशनर की सुविधा के लिए डिजीटल प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने के संबंध में विस्तृत दिशा-निर्देश जारी किये गये थे। समस्त बैंक यह सुविधा सुनिश्चित करें। इसकी मॉनीटरिंग के लिए वित्त विभाग के अधिकारियों को जिम्मेदारी सौंपी जा रही है। राज्य स्तरीय बैंकिग कमेटी की प्रतिमाह होने वाली बैठक में भी इस सुविधा की समीक्षा की जाएगी। यह सुविधा पेंशनर को हर वर्ष बैंक जाने की बाध्यता से मुक्ति दिलाने के लिए आरंभ की गई है। वित्त मंत्री ने यह बात पेंशनर संगठनों के प्रतिनिधियों से भेंट के दौरान कही। पेंशनर संगठनों द्वारा वित्त मंत्री से भेंट कर प्रतिवर्ष बैंक में जीवन प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने में आ रही कठिनाई से उन्हें अवगत कराया था। उल्लेखनीय है कि पेंशन नियमों के अंतर्गत राज्य शासन के सभी पेंशनरों को प्रत्येक वर्ष 01 नवम्बर की स्थिति में जीवित प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने का प्रावधान है। यह प्रमाण-पत्र पेंशनर जिस बैंक शाखा से पेंशन प्राप्त करते हैं, वहाँ प्रस्तुत करना होता है। पेंशनर को बैंक में हर वर्ष जाने की बाध्यता से मुक्त करने के प्रयोजन से राज्य शासन द्वारा विगत वर्षों में डिजीटल प्रमाण-पत्र प्रस्तुत करने की सुविधा विकसित कर निर्देश जारी किए गए थे।
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